वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा कुबेर देवता की दिशा मानी गयी है | कुबेर देवता धन के देवता है, ऐसे में उत्तर दिशा में किसी भी प्रकार का वास्तु दोष धन से जुडी समस्या का कारण बनता है | उत्तर दिशा धन की दिशा मानी गयी है, इसी वजह से हर कोई उत्तरमुखी घर बनवाने की चाह रखता है | परन्तु कई बार उत्तरमुखी घर होने के बाद भी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है |
ऐसा घर की उत्तरदिशा में वास्तु दोष की वजह से होता है | दरअसल केवल उत्तरमुखी घर सुख प्रदान नहीं करता है, घर की उत्तर दिशा का भी विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए | इस दिशा में किसी भी दोष से दुःख, धन की कमी का सामना करता है | तो आइए जानते है किन वजहों से उत्तर दिशा में वास्तु दोष उत्पन्न होता है |
- यदि आपका घर उत्तरमुखी है, लेकिन आपके घर का मुख्य द्वार पूर्व में ना होकर पश्चिम दिशा में है, तो ये वास्तु दोष का कारण बनता है | ऐसे घर में कमाने वाले सदस्य को घर से दूर रहना पड़ता है |
- घर की उत्तर दिशा में कभी गंदे पानी की निकासी नहीं होनी चाहिए | ये धन की कमी का कारण बनती है |
- उत्तर दिशा सदा खाली रखे | भार वाली वस्तुए इस दिशा में ना रखे |
- घर की छत का उत्तरी हिस्सा खुला हुआ होना चाहिए | ये घर में सकारात्मकता का प्रवाह करता है |
- उत्तर-पूर्व दिशा में कभी टॉयलेट या बाथरूम नहीं होना चाहिए | ये वास्तु दोष की वजह बनता है |
- उत्तर दिशा की दीवार में कोई छेद या दरार नहीं होनी चाहिए | यदि है तो इसे तुरंत ठीक करवा ले |
- उत्तर-पश्चिम दिशा में मुख्य द्वार के नजदीक पानी का टैंक या नल होने से वास्तु दोष उत्पन्न होता है |
- घर की पश्चिम दिशा में यदि अधिक ही खुला स्थान है, तो उत्तरमुखी घर में व्यक्ति को परेशानी का सामना करना पड़ता है |